भारतीय सेना का ड्रोन प्लान: अब दुश्मन की हर हरकत पर रहेगी आसमानी नजर!

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कल्पना कीजिए, हमारी सीमाओं पर ऐसे ड्रोन तैनात हैं जो दुश्मन की हर साँस पर नजर रखते हैं। जी हाँ, यह कोई साइंस फिक्शन फिल्म का प्लॉट नहीं, बल्कि भारतीय सेना की आने वाले समय की रणनीति है! भारत अब अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए 670 से ज्यादा एडवांस्ड ड्रोन खरीदने जा रहा है। इनकी मदद से सीमा की निगरानी और दुश्मन की गतिविधियों पर 24×7 पैनी नजर रखी जा सकेगी।

यह बड़ा कदम 15 साल के रक्षा आधुनिकीकरण रोडमैप का हिस्सा है, जिसके तहत सेना युद्ध और निगरानी दोनों काम आने वाले Modern Drones की फ्लीट तैयार करेगी। आइए जानते हैं कि कैसे ये ड्रोन हमारी सुरक्षा के game changer साबित होंगे।

कैसे होगी इन ड्रोनों की खरीद?
भारतीय थल, जल और वायु सेना अलग-अलग तरह के ड्रोन्स खरीदने की योजना बना रही हैं। इनमें युद्ध में सीधे हमला करने वाले ड्रोन से लेकर, लंबी दूरी तक निगरानी करने वाले सर्विलांस ड्रोन शामिल होंगे। इस पूरी योजना का मकसद भविष्य की टेक्नोलॉजी जरूरतों का खाका पहले से तैयार करना है, ताकि देश का रक्षा उद्योग पहले से ही तैयारी करके ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में कदम बढ़ा सके।

वायुसेना के पास होगी ‘हाइब्रिड आरपीए’ ड्रोन्स की टीम
भारतीय वायुसेना ‘हाइब्रिड आरपीए’ (Remotely Piloted Aircraft) ड्रोन का इस्तेमाल करेगी। ये कोई ordinary ड्रोन नहीं हैं! ये फिक्स्ड-विंग (पंखों वाले) और रोटरी-विंग (हेलिकॉप्टर जैसे) दोनों तकनीकों का mix हैं। ये ड्रोन 20,000 फीट की ऊँचाई तक उड़ान भर सकते हैं और माना जा रहा है कि वायुसेना को शुरुआत में 10 से 20 ऐसे ड्रोन्स की जरूरत होगी।

MALE ड्रोन: दुश्मन के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द!
MALE (Medium Altitude Long Endurance) ड्रोन की बात करें तो ये तो सुपरहीरो हैं! ये 30,000 से 40,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता रखते हैं और एक बार में 24 घंटे से भी ज्यादा time तक हवा में रह सकते हैं। ऐसे करीब 120 ड्रोन्स तीनों सेनाएं मिलकर खरीदेंगी। इनकी मदद से सीमा पर 24 घंटे की निगरानी हो सकेगी और दुश्मन की हर एक छोटी-बड़ी हरकत पर पैनी नजर रखी जा सकेगी।

सेना ड्रोन का इस्तेमाल क्यों कर रही है?
आज के जमाने में ड्रोन्स ने warfare की definition ही बदल दी है। पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों से निपटने में ये ड्रोन एक अहम भूमिका निभाएंगे। इनसे सेना को न सिर्फ बेहतर निगरानी की क्षमता मिलेगी, बल्कि targeted attacks करने की ताकत भी मिलेगी। यानी, अब दुश्मन को हमारी तरफ से सिर्फ जमीन ही नहीं, बल्कि आसमान से भी खतरा होगा!

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पाठकों के सवाल (FAQs)

1. क्या ये ड्रोन पाकिस्तान और चीन की बॉर्डर पर तैनात किए जाएंगे?

जी हाँ, इन एडवांस्ड ड्रोन्स का मुख्य उद्देश्य हमारी संवेदनशील सीमाओं, खासकर पाकिस्तान और चीन की borders पर लगातार निगरानी (surveillance) रखना और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करना है। ये ड्रोन सेना की सुरक्षा capability को कई गुना बढ़ा देंगे।

2. इन ड्रोन्स के आने से सुरक्षा में क्या खास बदलाव आएगा?

इन ड्रोन्स के आने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि हमारी सेना को Real-Time Intelligence मिलेगी। इनकी long-range monitoring capability और high-resolution cameras दुश्मन इलाके की बारीक से बारीक detail कैप्चर कर सकेंगे। इससे सेना को पहले से ही खतरे का अंदाजा हो जाएगा और वो जवाबी कार्रवाई के लिए better तरीके से तैयार हो सकेगी।

3. MALE ड्रोन दूसरे ड्रोन से किस मामले में बेहतर हैं?

MALE ड्रोन (Medium Altitude Long Endurance) अपनी ऊँची उड़ान capability (30,000-40,000 फीट) और लंबे समय तक हवा में रहने (24+ घंटे) की वजह से खास हैं। ये उच्च ऊंचाई पर उड़ने की वजह से दुश्मन की radar और नजर में आसानी से नहीं आते, साथ ही लंबे समय तक एक ही इलाके पर नजर रख सकते हैं। ये features इन्हें strategic surveillance के लिए perfect बनाते हैं।

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