सामान्य गेहूं को कहें अलविदा, अपनाएं यह ‘ब्लैक गोल्ड’ काला गेहूं! सेहत का खजाना है ये

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अगर आपको लगता है कि सभी गेहूं एक जैसे होते हैं, तो तैयार हो जाइए एक हैरान कर देने वाले सच के लिए! हम बात कर रहे हैं ‘ब्लैक व्हीट’ यानी काले गेहूं की, जिसे सेहत के मामले में ‘काला सोना’ या ‘ब्लैक गोल्ड’ भी कहा जाता है। यह सिर्फ एक फसल ही नहीं, बल्कि सेहत का एक पावरहाउस है।

यह अनोखा गेहूं अपने अंदर एक खास पिगमेंट (रंगत) समेटे हुए है, जो इसे दिल का दौरा, डायबिटीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है। साथ ही, यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है, इसीलिए इसका यह ‘ब्लैक गोल्ड’ वाला तमगा पूरी तरह से जायज है।

क्या है इस ‘काले सोने’ का राज?

सामान्य गेहूं के मुकाबले काले गेहूं में पोषक तत्वों की भरमार है। यह एक प्राकृतिक बायो-फर्टिलाइजर की तरह काम करता है और इसमें ज़िंक, प्रोटीन, आयरन, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम और कई जरूरी विटामिन्स की मात्रा काफी ज्यादा होती है। यानी, यह पोषण का एक छोटा पैकेज है।

दिल का रखवाला है काले गेहूं का आटा

काले गेहूं का सबसे बड़ा फायदा हमारे दिल की सेहत के लिए है। यह खून में ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है। जब यह स्तर बढ़ता है, तो हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। काले गेहूं का नियमित सेवन इन गंभीर बीमारियों के खतरे को कम कर सकता है। साथ ही, इसमें मौजूद भरपूर फाइबर हमारे पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है।

तो अब अगली बार जब आटा लेने जाएं, तो सामान्य गेहूं को छोड़ इस ‘काले सोने’ को अपनाने का विचार जरूर करें। यह आपकी सेहत में वह बदलाव ला सकता है, जिसकी आप तलाश में हैं!


3 एंगेजिंग एफएक्यू (FAQs):

1. क्या काले गेहूं का स्वाद सामान्य गेहूं से अलग होता है?

जी हां, थोड़ा बहुत अंतर होता है। काले गेहूं में एक हल्की सी अलग सुगंध और स्वाद होता है, जो इसे थोड़ा ज्यादा अलग और हेल्दी फील कराता है। हालाँकि, इसकी रोटियां बनाने में कोई खास दिक्कत नहीं आती और जल्दी ही आप इसके स्वाद के आदी हो जाएंगे।

2. क्या डायबिटीज के मरीज काले गेहूं का सेवन सुरक्षित तरीके से कर सकते हैं?

बिल्कुल! काले गेहूं को डायबिटीज के मरीजों के लिए एक बेहतर विकल्प माना जाता है। इसमें मौजूद फाइबर और पोषक तत्व ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मददगार साबित हो सकते हैं। फिर भी, अपनी डाइट में कोई भी बड़ा बदलाव करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना हमेशा अच्छा रहता है।

3. क्या काले गेहूं से बनी रोटियों का रंग काला होता है?

नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। नाम ‘काला गेहूं’ सुनकर ऐसा लगता है, लेकिन इसके आटे का रंग हल्का भूरा या बैंगनी-सा होता है। इससे बनी रोटियों का रंग भी सामान्य रोटियों के मुकाबले थोड़ा गहरा हो सकता है, लेकिन वह पूरी तरह काली नहीं होती। रंग की बजाय इसके फायदों पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है

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