वैली ऑफ फ्लावर्स: 1 जून से खुलेगी फूलों की स्वर्गीय घाटी, इस साल जाने का प्लान बनाएं!

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क्या आपने कभी सपना देखा है एक ऐसी जगह का जहाँ चारों तरफ सिर्फ रंग-बिरंगे फूल ही फूल हों? अगर हां, तो तैयार हो जाइए, क्योंकि यह सपना सच होने वाला है! उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध ‘वैली ऑफ फ्लावर्स’ यानी फूलों की घाटी इस साल 1 जून से पर्यटकों के लिए खुल रही है। यह खबर सुनकर ही दिल खुश हो गया न? तो पैक अपना बैग और बनाइए ट्रिप प्लान, क्योंकि यह ट्रैक 31 अक्टूबर तक ही रहेगा खुला।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित यह घाटी पर्यटकों के बीच एक स्वर्ग से कम नहीं है। यह जगह नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा है और यहाँ पहुंचते ही आपको महसूस होगा जैसे आप किसी फ़िल्मी गाने की शूटिंग लोकेशन पर आ गए हैं। घाटी में गेंदा, ऑर्किड और कितने ही दुर्लभ फूलों की बहार आपका इंतजार कर रही है। सिर्फ फूल ही नहीं, बल्कि यहाँ पक्षियों और जानवरों की भी भरमार है, जो इस जगह की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं।

यहाँ का ट्रैक आपको घने जंगलों से गुजरते हुए पुष्पावती नदी के किनारे ले जाएगा। रास्ते में आपको कई खूबसूरत पुल, शानदार ग्लेशियर और झरने देखने को मिलेंगे, जो आपकी थकान एक पल में भूला देंगे। इस साल यह ट्रैक 31 अक्टूबर तक खुला रहेगा, तो समय निकालकर जरूर जाएं।

500 से ज्यादा प्रजातियों का है खजाना

वैली ऑफ फ्लावर्स सिर्फ एक घाटी नहीं, बल्कि एक जैविक खजाना है। यहाँ फूलों की 500 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें एनीमोन, जेरेनियम, प्राइमुलस, ब्लू पोस्पी और ब्लूबेल जैसे फूल शामिल हैं। लेकिन इन सब में सबसे खास है ब्रह्म कमल, जिसे उत्तराखंड का राज्य फूल भी कहा जाता है। इसकी खूबसूरती देखकर आपका मन करेगा कि इसे देखते ही रहें।

कैसे पहुंचे वैली ऑफ फ्लावर्स?

यह घाटी यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट है और इसे देखने के लिए आपको पहले गोविंदघाट पहुंचना होगा। दिल्ली से ऋषिकेश तक का सफर आप बस से आराम से तय कर सकते हैं। ऋषिकेश से गोविंदघाट के लिए प्राइवेट वाहन भी मिल जाते हैं। गोविंदघाट के बाद आप घांघरिया तक का सफर ट्रेकिंग, घोड़े या फिर हेलिकॉप्टर से तय कर सकते हैं। अगर आप ट्रेकिंग का मजा लेना चाहते हैं, तो सुबह 8 बजे तक अपना सफर शुरू कर दें।

वैली ऑफ फ्लावर्स

एंट्री के लिए जरूरी जानकारी

ध्यान रहे, दोपहर 2 बजे के बाद घाटी में एंट्री allowed नहीं है। भारतीय पर्यटकों के लिए एंट्री टिकट की कीमत सिर्फ 150 रुपए है और यह टिकट 3 दिनों तक वैध रहता है। पार्क से निकलने का समय शाम 5 बजे तक का है, तो समय का खास ध्यान रखें।


वैली ऑफ फ्लावर्स के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. क्या वैली ऑफ फ्लावर्स जाने के लिए शारीरिक रूप से फिट होना जरूरी है?

जी हां, कुछ हद तक। घांघरिया तक का ट्रेक (लगभग 13-14 km) मध्यम level की ट्रेकिंग माना जाता है। अगर आपकी शारीरिक स्थिति ठीक है और आप पैदल चलने के आदी हैं, तो यह ट्रेक आपके लिए manageable होगा। वैकल्पिक रूप से, आप घोड़े या हेलिकॉप्टर की सुविधा भी ले सकते हैं।

2. वैली ऑफ फ्लावर्स जाने का सबसे बेस्ट टाइम कौन सा है?

फूलों की पूरी खूबसूरत देखने का सबसे अच्छा समय जुलाई के मध्य से अगस्त के अंत तक का माना जाता है। इस दौरान बारिश के बाद घाटी में फूल अपने पूरे शबाब पर होते हैं और मौसम भी सुहावना रहता है।

3. क्या वैली ऑफ फ्लावर्स की ट्रिप पर जाने के लिए किसी परमिट की जरूरत होती है?

हां, घाटी में प्रवेश के लिए एक परमिट लेना अनिवार्य है। यह परमिट आप गोविंदघाट या घांघरिया में स्थित फॉरेस्ट चेकपोस्ट से प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय नागरिकों के लिए इसकी फीस 150 रुपए है और यह 3 दिनों के लिए वैध होता है।

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